देश की भावी पीढ़ी के सर्वांगीण शिक्षा का ध्याता बना पहला शिक्षा बोर्ड!! निज सम्वाददाता : चित्रकूट

पाठ्यक्रम तो लागू हो गया पर पूरे उत्तर प्रदेश में आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट के अलावा इस बोर्ड से सम्बद्ध किसी भी अन्य विद्यालय में ऐसे संसाधनशिक्षकप्रयोगशाला आदि नहीं हैं जहाँ इस पाठ्यक्रम का कुशलता से शिक्षण हो सके। जबकि आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट में सम्पूर्ण शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ प्रयोगशाला आयुर्वेदीय वातावरण भी है। यही कारण है कि आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट में अगामी सत्र २०२०-२१ में प्रवेश हेतु अभी से बुकिंग और सिफारिशें शुरू हो गयी है। जबकि आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट के प्रशासक डॉ॰ वेद प्रताप वाजपेयी का कहना है कि हम अगले वर्ष भी केवल २५ विद्यार्थी ही आवासीय लेंगें।
हाईस्कूल एवं इण्टर मीडिएट स्तर पर मैथ, साइंस, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी, नैतिक शिक्षा के साथ-साथ पाणिनीय व्याकरण, कालिदास साहित्य भारतीय संस्कृति के साथ-साथ भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद को पाठ्यक्रम में शामिल कर उ.प्र. माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद् भारत का पहला बोर्ड बन गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने यह पाठ्यक्रम तत्काल प्रभाव में इसी वर्ष के शिक्षा सत्र से लागू भी कर दिया। इससे उन देशवासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी जो अपने छात्रों को मैथ, साइंस, अंग्रेजी के साथ-साथ भारत के महान् वैदिक पौराणिक वाङ्मय, पााणिनीय व्याकरण का अनूठा ज्ञान दिलाकर विशिष्ट बनाना चाहते थे। इसके अलावा वे अभिभावक भी खुश है जो चाहते थे कि हमारे परिवार में शुरू से ही भारत के महान् चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद का ज्ञान हो जिससे सभी स्वस्थ, सबल और सक्षम बनें।


          ज्ञातव्य हो कि उ.प्र. माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्, लखनऊ ने अपने बोर्ड से मान्यता प्राप्त कॉलेजों के लिए शिक्षण सत्र २०१९-२० से नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया है। बोर्ड ने पाठ्यक्रम को बहूपयोगी एवं प्रतिस्पर्धी बनाने की दृष्टि से देश के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा पढ़ाये जा रहे समस्त आधुनिक विषयों, गणित, विज्ञान व कम्प्यूटर विज्ञान को शामिल किया ही है, साथ ही देश के प्राचीन वैदिक साहित्य ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, दर्शन, ज्योतिष सहित आयुर्वेद जैसे विज्ञान के समृद्ध ज्ञान को भी शामिल किया है। 
          शिक्षाविदों का मानना है कि परिषद् द्वारा लागू यह नया पाठ्यक्रम अन्य बोर्डों के विद्यार्थियों की भाँति आधुनिक क्षेत्रों मेडिकल, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर विज्ञान आदि के लिए सम्भावनाओं के द्वारा खोलेगा ही, साथ ही प्राचीन चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद सहित वैदिक साहित्य, योग, न्याय, दर्शन आदि क्षेत्रों में भी कैरियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

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